अपनी जेब से निकाल कर
इस टेबल पर रख दो
फिर मुझे एक बार में उसे गटकते देखो
अब वो मेरा हो गया है
अब वो टिक टिक नही कर पाएगा
अब वो एक बड़ा मैदान है
जहाँ दूर दूर तक कोई नही दिखता
अब वो एक ढेर सा पड़ा है
जिसके पीछे हम आराम से टिककर बैठ सकते हैं
बस उसे वापस मत माँगो
जब तुम वो कविता पढ़ रहे थे
मैं कविता के साथ
तुम्हारी आवाज़ में खुद को सुन रही थी
और टाइम मुझे ज्वार-भाटे जैसा महसूस हो रहा था
असलमे टाइम तो
सेंड क्लॉक जैसा नही
रेत के घर बनाने जैसा है
मैं हमेशा टाइम चुराने की ताक में
मिट्टी को साधते हुए
एक छोटी सी डिब्बी बना कर
तुम्हारी घड़ी उसमे लॉक कर देना चाहती हूँ
सिर्फ़ थोड़ी सी देर के लिए
हम हम हो सकते हैं
शायद
मैं लालची हूँ
उस टाइम के लिए
जो मैने कभी अपना नही समझा
जो टाइम तुम चूयिंग गुम की तरह चबा रहे हो
उसे गटक लो
फिर मैं और तुम
वो खेल रचेंगे जिसका कोई मतलब ना हो
उसे चाकू से काट कर सलाद बना लेंगे
या फिर आधा आधा बाँट कर
धीरे धीरे पिएँगे
उसे गुब्बारे की तरह मरोड़ कर
एक प्यारा सा कुत्ता बनाएँगे
और फिर उसे उड़ा देंगे
हवा में
मैं लालची हूँ
उस टाइम के लिए
जो मैं अपना बनाना चाहती हूँ
पर तुम सही कहते हो
अगर मैं उसे अपना नही समझती
तो शायद, मैं लालची हूँ
उस टाइम के लिए
जो मेरा हो नही सकता
थोड़ा सा टाइम
अपनी जेब से निकाल कर
इस टेबल पर रख दो
मैं भी यही करूँगी
और फिर उनमे
कोई फ़र्क नही होगा
शायद